IPv6 क्या है – What is IPv6 in Hindi

आज हमारा topic है IPv6। क्या है इस IPv6! थोरा intro दे देता हूँ। देखिए दोस्तों, IPv6 एक 128 bit का address है। और IPv6 कुछ इस तरह से दिखाई देता है- 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334। आपको जान लेना जरूरी है इस address को धीरे धीरे internet पर implement किया जा रहा है और इस address ही भविष्य में आने बाला है। इसलिए आज हम IPv6 के depth में जाएंगे और जानेंगे – IPv6 क्या है – What is IPv6 in Hindi, IPv6 के प्रकार, IPv6 के Benefit, IPv6 के Disadvantages etc जैसी और कई सारे important topics के बारे में । तो चलिए शुरू करते है।

IP Address क्या है – What is IP Address in Hindi ?

IPv6 क्या है इसको जानने से पहले आपको जानना परेगा IP Address होता क्या है। तो चलिए फटाफट जान लेते है IP Address क्या है

IP Address का Full From होता है Internet protocol Address। यह एक number जो आपकी device को आपके Network और दुनिया भर के अन्य Device से जोड़ने में मदद करता है। internet में इस IP address के through ही आपके device को identify किया जाता है।

आपको एक example देके समझाता हूँ – देखिए दोस्तों, आज के समय में हम सभी ने Online Shopping करते है । Online Shopping में क्या होता है? हम जब भी कोई product का order करते है तब company बाले हमारे से हमारा address लेते है क्यूंकि company बाले उस address मे ही हमारा product deliver करता है।

ठीक उसी किस्सा internet मे भी होता है हम जब भी कोई query google मे करते है तब google बाले हमारे से हमारा device की IP address लेते है (But बह address हमको manually देना नहीं परता है बह automatically ले लेता है ) और बाद मे google हमारे query को solve करके हमारे device की IP Address मे भेज देते है।

क्या आपको पता है Internet की शुरूयत कहाँ से हुआ? आपको अगर नहीं पता है तो आप नीच मे दी गई Notes को एकबार पढ़ो आपको पूरी तरह पता चल जाएगा Internet की पूरी इतिहास

IP Address के Version – Version of IP address in Hindi ?

IP address क्या है बह हम जान गए है। अब हम जानेंगे IP address के Version क्या क्या है ? देखिए दोस्तों, IP address के 2 version होता है- एक IPv4 और दूसरा IPv6। पिछले notes में हम IPv4 के बारे में बिस्तार में जाने है, आप अगर बह notes नहीं पढ़े है तो आप नीच दी गई link पर click करके पढ़ लीजिए। और आज हम IPv6 के बारे में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है –

IPv6 क्या है – What is IPv6 in Hindi

IPv6 address को introduced किया गेआ सिर्फ एक कारण के लिए और बह कारण है IPv4 address की limitation। मतलब इस IPv4 address से केवल 4 बिलियन device को ही IP address दिया जा सकता है। आप सोच रहे हो यह संख्या बहुत है, किन्तु Modern World के लिए यह संख्या काफी नहीं है। आज के समय में प्रत्येक user के पास एक से ज्यादा डिवाइस मौजूद है, जोकि Internet का इस्तेमाल कर रहा है।

Version of IP address in Hindi ?

और पूरे world में 7 billon people रहता है। अगर प्रत्येक लोग एक भी डिवाइस का इस्तेमाल करें तब भी IPv4 100% people को IP Address प्रदान करने में सक्षम नहीं है। और इस problem को solve करने के लिए Implement किया गया है IPv6 की। और IP version 6 Support करता है करीब 340 ट्रिलियन address को। जोकि होता है 340 और उसके साथ 12 Zero(0)। इसका मतलब की अगर world के प्रत्येक इंसान लाखो device को internet के साथ Connect करता है तब भी IP address की कोई कमी नहीं होगी। जो धीरे धीरे Internet मे implement हो रहा है।

सायद आपको समझ में आ गेआ है IPv6 को किस लिए Implement किया गया है। और इस IPv6 को Implement था Internet Engineering Task Force (IETF) नामक एक organization ने सन 1998 में। यह एक 128 bit का address है। IPv6 कुछ इस तरह से दिखाई देता है- 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334। जिसे 8 भागों में विभाजित कर colon (:) से अलग किया जाता है। जिसमें प्रत्येक भाग 16 Bits का होता है। ipv6 hexadecimal format मे होता है।

IPv6 के बारे में कुछ important बात –

  • IPv6 128-bit का address होता है ।
  • IPv6 कुछ इस तरह से दिखाई देता है- 2001:0db8:85a3:0000:0000:8a2e:0370:7334।
  • जिसको 8 भागों में विभाजित किया गेआ है।
  • IPv6 colon(:) से अलग किया जाता है।
  • जिसमें प्रत्येक भाग 16 Bits का होता है।
  • ipv6 Hexadecimal format मे होता है।
  • यह quality of service (QoS) Support करता है।

आपको अगर Networking मे Extra Ordinary बनना है तो आप नीच मे दी गई notes को follow करो-

IPv6 के प्रकार – Types of IPv6 in Hindi

IPv6 को तीन भागों में बिभाजित किया गेआ है –

Ipv6 in Hindi
  • Unicast addresses
    Particular कोई single user को data send करने के लिए इस Unicast address का इस्तेमाल किया जाता है।
  • Multicast addresses
    Group या multiple of user को data send करने के लिए इस Multicast address का इस्तेमाल किया जाता है।
  • Any cast addresses
    और finally जब सभी users को data send करना हो तब इस Any cast addresses का इस्तेमाल किया जाता है।

IPv6 का उपयोग करने का क्या फायदा है – Advantages of IPv6 in Hindi

  • IPv6 address एक Reliable address है।
  • IPv6 broadcast से ज्यादा Multicast को prefer करते है। इसकी बजह एक ही multicast ज्यादा bandwidth मिलती है data जल्दी destination में पहुंचता है।
  • IPv6 की data security feature IPv6 protocol में ही inbuilt रहता है। जिससे data hack होने की संभावना बहुत हद तक कम हो जाता है।
  • इसकी Routing efficiency सबसे Reliable है।
  • IPv6 की सबसे बड़ी advantage यह है के इस address के जरिए सभी internet users को IP address दिया जा सकता है ।

IPv6 के Disadvantages – Disadvantages of IPv6 in Hindi

  • वर्तमान में IPv4 की व्यापक उपयोग के कारण इसे पूरी तरह से implement होने में लंबा समय लग जाएगा।
  • IPv4 और IPv6 मशीनें एक दूसरे से साथ communicate नहीं कर सकती हैं। इसे communicate कराने के लिए एक मध्यवर्ती technology की आवश्यकता है।
  • इसमें Manual DHCP address configuration supported नहीं है।

IPv4 और IPv6 के बीच की अंतर – Difference between IPv4 and IPv6 in Hindi

IPv4 और IPv6 दोनों ही IP Address के version हैं। और अब हम IPv4 और IPv6 के बीच की अंतर को जानने बाले है। देखिए दोस्तों, IPv4 32 bit का address है जबकि IPv6 128 bit का address है। IPv4 address से सिर्फ 4 बिलियन devices को ही network के साथ connected किया जा सकता है जबकि IPv6 में 340 ट्रिलियन devices को network के साथ connected किया जा सकता है। IPv4 डाटा को सही तरह से Encrypted और Authenticated नहीं कर पाते है, और दूसरी तरफ IPv6 डाटा को सही तरह से Encrypted भी करते है और साथ ही साथ Authenticated भी करते है।

  1. IPV4 और IPV6 क्या है और इनके बीच की अंतर को जानिए – DIFFERENCE BETWEEN IPV4 AND IPV6 IN HINDI
IPv4IPv6
IPv4 32-bit का address होता है ।IPv6 128-bit का address होता है ।
इस में Manual और auto DHCP address दोनों का configuration Supported मिलता है।और दूसरी तरफ इस में Manual DHCP address configuration तो supported नहीं है, किन्तु इसमे auto DHCP address configuration Supported है।
IPv4 4 billion यूनिक addresses को generate करता है.और दूसरी तरफ IPv6 340 ट्रिलियन यूनिक addresses को generate कर सकता है.
IPv4 की Security feature application के ऊपर depend रहता है।किन्तु IPv6 security feature IPv6 protocol में ही inbuilt रहता है।
IPv4 की address decimal format में है।IPv6 की address hexadecimal format में है।
IPv4 में checksum field available है।और IPv6 में checksum field available नहीं है।
इस address में broadcast Message Transmission Scheme available है।इस address में broadcast को छोर कर Any cast और Multicast Message Transmission Scheme available है।
IPv4 में डाटा की Encryption और Authentication facility available नहीं है।किन्तु IPv6 में Encryption और Authentication facility available है।
 
यह SNMP प्रोटोकॉल को support करता है.यह SNMP को सपोर्ट नहीं करता.
IPv4 की header 20-60 bytes का होता है।IPv4 की header 40 bytes का होता है।

Conclusion

उम्मीद करता हूँ, आप IPV6 क्या है – WHAT IS IPV6 IN HINDI? इस notes को पूरा पढ़ने के बाद आपका सभी confusion clear हो गेया है और इस note से बोहत कुछ शिखने को मिला है। परन्तु यदि आपको इस पोस्ट में किसी जानकारी का अभाव लगता है या आपके पास इससे सम्बंधित कोई सवाल है. तो कृपया नीचे comment कर हमें जरूर बताये. आपके सुझाव हमारे लिए बहुत मायने रखते है. और एक बात आपको अगर किसी भी topic पर जानकारी चाहिए,जो अभी तक मैंने cover नहीं की तो आप नीच में comment करके बह topic बता सकते हो। आपका topic clear करने की मैं पूरा कोशिश करूंगा।

Avik Ghara

मेरा नाम Avik, मैं IT Intelligance का Author हूँ। और वर्तमान समय में मैं George Telegraph Training Institute में Computer Hardware & Networking Engineering का शिक्षक हूँ। और शिक्षक होने के नाते मुझे कंप्युटर और नेटवर्किंग के बारे में सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

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