आज हम जानेंगे DOS operating system के बारे में। Microsoft के द्वारा बनाई गई सबसे पुरानि operating system है DOS operating system। आज के समय में तो इस DOS operating system को कहीं पर भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। किन्तु फिर भी इस DOS operating system को आप इस्तेमाल कर सकते हो। कैसे इस्तेमाल करना है बह हम नीच में देखेंगे।
चलिए उससे पहले देख लेते है इस पूरे article की विषयसूची क्या क्या है। इस article की विषयसूची है – DOS क्या है (What is DOS in Hindi), DOS या MS-DOS की इतिहास क्या है, DOS OS की विशेषताएं, DOS OS की Advantages, DOS OS की Disadvantages, DOS के कुछ Internal Command, DOS के कुछ External Command, DOS और Windows की तुलना, etc. जैसी और भी कई सारे topic के बारे में आप जान पाओगे।
DOS क्या है – What is DOS in Hindi
DOS का full form है Disk Operating System। Microsoft के द्वारा बनाई गई सबसे पुराना operating system है DOS operating system। इस OS को Microsoft lunched किया सन 1981 में। और यह एक single task based command line operating system है। मतलब इस Operating system एक time में सिर्फ एक काम को execute करता है और बह काम भी command के माध्यम से ही देना परता है।
इस Operating System disk storage device का इस्तेमाल करते है। (EX- floppy disk, hard disk drive, or optical disc.) और Disk usages करने की बजह से इस OS का नाम Disk Operating System रखा गेआ। और इस OS से organizing, reading, and writing files जैसे छोटे-छोटे simple कामों को किया जाता था। 1980 में इस Operating system के कई सारे version market में launched हुए । (ex-MS-DOS, PC-DOS, DR-DOS, PTS-DOS, ROM-DOS, Free-DOS, JM-OS, etc.) उन्मेसे MS-DOS version काफी famous हुए। और आज हम उसी MS-DOS (Microsoft-Disk Operating System) के बारे में चर्चा करेंगे।
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DOS या MS-DOS की इतिहास – History of DOS in Hindi
Year | Event |
---|---|
1981 | Microsoft ने पहली बार इस operating system को launched किया July 27, 1981 में और उस समय इसका price था $25,000 |
1981 | august 1981 में इस OS का और एक version released हुया जो PC-DOS के नाम से जाना जाता है। और इसे IBM PC पर संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।. |
1982 | MS-DOS 1.25 released हुआ August 1982 में. और इस version को Microsoft “MS-DOS.” के नाम से market में launch किया गेआ। |
1983 | MS-DOS 2.0 नामक इस version released हुआ March 1983 में, और इसको IBM PC XT computers के लिए designed किया गेआ था. और इस version में hard disk drives support करते थे. |
1983 | MS-DOS 2.1 released हुआ November 1983 में। इसका जो खास features थे बह है half-height disk drives और ROM cartridges. |
1984 | MS-DOS 3.0 released हुआ August 1984 में, और इस version को IBM PC AT computers के लिए designed किया गेआ था. |
1985 | उसके बाद MS-DOS 3.1 released हुआ April 1985 में। और इस version में first time networking या local area networks के कामों को किया जाता था। |
1987 | MS-DOS 3.3 released हुआ April 1987 में , इस version में कई new feature थे IBM PS/2. It featured support for 3 1/2 inch, 1.44 MB floppy disk drives, और extended disk partitions. |
1988 | MS-DOS 4.0 को November 1988 में जारी किया गया था, जिसमे volume serial numbers के लिए support किया गया था। |
1991 | कई साल बाद MS-DOS 5.0 released हुआ June 1991 में. उस version में 3.5 inch 2.88 MB floppy disks, और full-screen text editor, “edit.” जैसी new feature supported थे। |
1993 | MS-DOS 6.0 को august 1993 में पेश किया गया था, इसमें QBASIC, disk compression, UMA optimization, और antivirus software MSAV की विशेषता मौजूद थी। |
1995 | और यह था dos os का last updated version Windows 95 इस version को released हुआ August 24, 1995 में . और इसका version था MS-DOS 7.0। इसके बाद Microsoft ने dos os की update करने की services totally close कर दिया। |
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DOS OS की विशेषताएं – Features of DOS in Hindi
DOS Operating system की कुछ important features-
- यह एक 16-bit operating system है.
- इसमे maximum space size 2 GB है।
- DOS एक free of cost Operating system है।
- यह एक single-user operating system है।
- DOS एक Character-Based interface system है।
- इस OS की माध्यम से सिर्फ file management किया जा सकता है । e.g., file creating, file editing, file deleting files, etc.
MS-DOS की कुछ Advantages – Advantages of MS-DOS in Hindi
- DOS operating system में BIOS को directly access किया जाता है।
- सिर्फ 10 sec के अंदर ही DOS OS का boot हो जाता है, और इस मामले में सभी Windows OS को पीछे छोरता है।
- DOS operating system बहुत lightweight OS है, जिसके कारण DOS operating systems काफी fast work करती है windows के मुकाबले।
- DOS एक free of cost Operating system है। मतलब DOS को download और use करने के लिए कोई भी पैसा नहीं लगता।
MS-DOS की कुछ Disadvantages – Disadvantages of MS-DOS in Hindi
- DOS एक complex OS है, इसको इस्तेमाल करना काफी मुश्किल है। क्यूंकी इस OS में हर काम को command लिख लिखके करना परता है।
- DOS OS में सिर्फ 640 mb तक RAM ही support करता है।
- DOS operating system में multimedia support नहीं करता है। such as: Games, movies,songs etc.
- DOS में networking का support नहीं मिलता है। मतलब इस Operating system में users internet का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा।
MS-DOS की कुछ Internal Command – Internal commands of DOS in Hindi
DOS Operating System में बहुत सारे internal command है, जिसके जरिए आप system की बहुत कुछ settings को change कर सकते हो, system की information जान सकते हो, किसी भी folder create, open, delete, rename, etc. कर सकते हो, और भी बहुत कुछ किया जा सकता है। तो चलिए ऐसी बहुत कुछ interesting internal command के बारे में जान लेते है।
और एक बात आपको जान लेना जरूरी है- आज के समय में DOS operating system को कहीं पर देखने को नहीं मिलता है। फिर भी इस DOS operating system को आप इस्तेमाल कर सकते हो। आपके पास अगर किसी भी प्रकार के windows operating system है (ex – windows 7,8.1,10,11), उस OS में जाकर आपको Windows key + R को एकसाथ press करना है। उसके बाद आपको types करना है cmd और उसके बाद Enter press करना है। Enter press करने के बाद जो black color की screen open होगा बही है DOS operating system, जो आज के समय में command prompt के नाम से जाना जाता है ।
- assoc– इस command के जरिए आप आपके system में supported different file extensions के बारे में जान सकते हो।
- MD:- इस command के जरिए आप कोई भी folder create कर सकते हो। आप अगर md folder name type करते हो तो उस folder c drive में create हो जाएगा।
- CD :- किसी folder में entry लेने के लिए इस command का इस्तेमाल किया जाता है। आपको type करना होगा – cd folder name।
- CD..– और आप अगर उस folder से exit लेना चाहते हो तो आपको type करना होगा – cd..।
- Cls :- dos में की गई सभी कामों को clear करने के लिए आपको type करना होगा – cls।
- Color attr : DOS की background और test color change करने के लिए इस command को इस्तेमाल किया जाता है। आपको type करना होगा – color attr। उसके बाद color की सभी code निकाल जाएगी उसके बाद आपके color choose के अनुसार उसके code लिखना परेगा। ex- color 5।
- Copy: किसी भी file या folder copy करने के लिए आपको type करना होगा – copy con folder name।
- Date :- computer की date को change करने के लिए आपको type करना होगा – date।
- Time :- computer की time को change करने के लिए आपको type करना होगा – time।
- Exit :- किसी भी program को से Exit होने के लिए आपको type करना होगा – exit।
- Rename: किसी भी file या folder name change करने के लिए आपको type करना होगा –rename folder name।
- Ver:- Computer के version check करने के लिए आपको type करना होगा- ver।
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MS-DOS की कुछ External Command – External commands of DOS in Hindi
अब जान लीजिए DOS की कुछ important External commands –
- DELTREE– computer की सभी file, folder, directory permanently delete करने के लिए किया जाता है। इसलिए सोच समझ के इस command का इस्तेमाल करना। type- deltree।
- TREE– आप जो भी काम dos में कर रही हो बह काम एक के बाद एक read करने लिए इस command का use किया जाता है। type- tree।
- PRINT – किसी भी file या folder print करने के लिए आपको type करना होगा – print folder name।
- FIND – किसी भी file या folder के अंदर किसी भी document को find या खोजना करने के लिए आपको type करना होगा – find folder name।
- FORMAT – किसी drive को format करने के लिए इस command का इस्तेमाल किया जाता है। आपको type करना होगा – format drive name।
- MOVE– किसी folder को एक जगह से दूसरी जगह लेने के लिए इस command का इस्तेमाल किया जाता है। आपको type करना होगा – move destination address।
- GETMAC:- कंप्युटर की mac address check करने के लिए इस command का इस्तेमाल किया जाता है। आपको type करना होगा – getmac।
- ipconfig:- कंप्युटर की ip address check करने के लिए इस command का इस्तेमाल किया जाता है। आपको type करना होगा – ipconfig।
- systeminfo :- कंप्युटर की पूरी information जानने के लिए इस command का इस्तेमाल किया जाता है। आपको type करना होगा – systeminfo।
DOS और Windows की तुलना – Difference between DOS and Windows in Hindi
SL.NO | DOS | WINDOW |
---|---|---|
1. | DOS थे single tasking operating system. | और windows है एक multitasking operating systems. |
2. | यह OS low power consumes करता है। | windows ज्यादा power consumes करता है DOS के तुलना में। . |
3. | इस OS कम memory का इस्तेमाल करते है windows के मुकाबले। | और windows ज्यादा memory का इस्तेमाल करते है। |
4. | DOS में networking का support नहीं मिलता है। | window में networking का supports मिलता है। |
5. | DOS एक complex OS है, इसको इस्तेमाल करना काफी मुश्किल है। | और दूसरी तरफ Windows user friendly है। |
6. | DOS एक command line operating system है। | और windows एक graphical operating systems. |
7. | DOS operating system में multimedia support नहीं करता। such as: Games, movies,songs etc. | windows में multimedia support करता है। such as: Games, movies, songs etc. |
8. | windows के मुकाबले DOS operation systems काफी fast work करती है। | windows OS का performance थोरा slow है DOS OS के मुकाबले। |
9. | आज के समय में DOS को कई जगह पर भी इस्तेमाल नहीं किया जाता है। | आज के समय में Windows को सभी जगह पर भी इस्तेमाल किया जाता है। |
10. | DOS free of cost है। | Windows के original version बहुत expensive है। |
CONCLUSION
उम्मीद करता हूँ, आप DOS क्या है – What is DOS in Hindi ? इस notes को पूरा पढ़ने के बाद आपका सभी confusion clear हो गेया है और इस note से बोहत कुछ शिखने को मिला है। परन्तु यदि आपको इस पोस्ट में किसी जानकारी का अभाव लगता है या आपके पास इससे सम्बंधित कोई सवाल है. तो कृपया नीचे comment कर हमें जरूर बताये. आपके सुझाव हमारे लिए बहुत मायने रखते है. और एक बात आपको अगर किसी भी topic पर जानकारी चाहिए,जो अभी तक मैंने cover नहीं की तो आप नीच में comment करके बह topic बता सकते हो। आपका topic clear करने की मैं पूरा कोशिश करूंगा।
मेरा नाम Avik, मैं IT Intelligance का Author हूँ। और वर्तमान समय में मैं George Telegraph Training Institute में Computer Hardware & Networking Engineering का शिक्षक हूँ। और शिक्षक होने के नाते मुझे कंप्युटर और नेटवर्किंग के बारे में सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।
That is very useful. I am impressed.
Thank you Rohit